यह दुनिया है जनाब

( Yeh Duniya Hai Janab )

 

सब पर उंगली उठाती,

सब की हकीकत बताती है

खुद- कमियां छुपाकर

सबकी कमियां गिनती है !

 यह दुनिया है जनाब

‘सफेद कपडे़ होते हुये दाग दिखाती है,

ये दुनिया है जनाब

काँच सा चमकने के लिये,

बिखेर कर  रख देती है

 खुद के उसूलों से जीवन

की सच्चाई बताती है,

ख़ुदा के फरिश्तों को सजा सुनाती है

गुनाही की खबर बताती है ।।

ऐ दुनिया है जनाब

सबको सताती है ।।

बहुत कीचड़ उछालती है ।।

 

नौशाबा जिलानी सुरिया
महाराष्ट्र, सिंदी (रे)

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