मै भी उड़ना चाहती हूं 

( Mai bhi udna chahti hoon )

 

सपनों में जीना चाहती,
जिंदगी से लडना चाहती हूं
मै जीवन को तलाशना चाहती हूं
हीरे की तरह चमकना चाहती ,
संस्कारों के परदे को हटाना चाहती,
मै दुनिया की बेडियों से आजाद होना चाहती हूं,
कमबख्त जिंदगी को कुछ देना चाहती हूँ
अपना आशय लेकर पंख फैलाना चाहती हूं।
ऐ जिंदगी,
बस एक मौका खोजना चाहती हूँ।
मंजिल की खोज में ,
भटकना चाहती हूं।
जीवन मे कुछ करना चाहती हूँ |

 

नौशाबा जिलानी सुरिया
महाराष्ट्र, सिंदी (रे)

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