योग शक्ती | Yoga kavita
योग शक्ती
( Yoga shakti )
–>योग रोग की,बिना नोट की, स्वस्थ शरीर की दबा अचूक ||
==>>हिन्दुस्तान की देन दबा ये,राम-वाण सी चले अचूक ||
1. योग करो दुख दूर करो,बीमारियों को चूर करो |
पेट रोग और मोटापे को,योगा से ही दूर करो |
रक्त चाप,दिल का दौरा भी,योगा से कंट्रोल करो |
बॉडी को फिट रख योगा से,मन को भी कंट्रोल करो |
–>योग रोग की,बिना नोट की,स्वस्थ शरीर की दबा अचूक ||
2. योग से कोषो दूर रहे,न जोर चले बीमारी का |
ना डॉक्टर की पड़े जरूरत,धन बचा रहे अलमारी का |
गोली सीसी इंजेक्सन की,छुट्टी कर दो योगा से |
आओ मिलकर योग करें,मन शांत करें हम योगा से |
–>योग रोग की,बिना नोट की,स्वस्थ शरीर की दबा अचूक ||
3. योग से मिलती सुंदर काया,योग से ही ताकत माया |
बच्चे-बूढे सब कर सकते,नहीं कठिन योगी माया |
नहीं योग मे उमर की बन्दिस,न अमीर-गरीब की रंजिस |
योगा जो भी नियमित करता,योगा उसकी रक्षा करता |
–>योग रोग की,बिना नोट की,स्वस्थ शरीर की दबा अचूक ||
4. योग मे देवों की शक्ती है ,योग मे वेदों की भक्ती |
योग मे सामिल किरण सूर्य की,योग ही सुन्दरता की युक्ती |
योग ऋषी मुनियों की भाँषा,योग तंत्र -गुनियों की आशा |
योग की क्षमता योगी जाने,रोग दोष का योग ही नाशा |
–>योग रोग की,बिना नोट की,स्वस्थ शरीर की दबा अचूक ||
==>>हिन्दुस्तान की देन दबा ये,राम-वाण सी चले अचूक ||
लेखक—–> सुदीश कुमार सोनी
(जबलपुर )