Ghazal | जिंदगी में खुशी नहीं आती
जिंदगी में खुशी नहीं आती
( Zindagi Mein Khushi Nahi Aati )
जिंदगी में खुशी नहीं आती
हाँ ऐसी आशिक़ी नहीं आती
आबरु लुट जाए अगर जो ये
लौटकर वो कभी नहीं आती
लुट जाते है जो प्यार में यारों
उन लबो पे हंसी नहीं आती
जब अधेरे घेरे है नफ़रत के
प्यार की रोशनी नहीं आती
प्यार करना सच्चा मुझे आता
यूं झूठी दिल्लगी नहीं आती
जिंदगी है तन्हा यहां आज़म
कोई भी रहबरी नहीं आती
शायर: आज़म नैय्यर
(सहारनपुर )
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