नहीं होती | Nahi Hoti Kavita
नहीं होती
( Nahi hoti )
जिन्दगी कहानी नहीं होती ।
एक सी रबानी नहीं होती ।।
उधारी बाप और बेटे में ।
आज मुंह जबानी नहीं होती ।।
इबादत खाली हाथ करने से ।
कोई मेहरबानी नहीं होती ।।
आज के दौर में पहले जैसी ।
हकीकत बयानी नहीं होती ।।
गरीब जन्म से ही बूढ़ा है ।
उसमें जबानी नहीं होती ।।
लेखक : डॉ.कौशल किशोर श्रीवास्तव
171 नोनिया करबल, छिन्दवाड़ा (म.प्र.)