आन बान है आँखें | Shayari on aankhen
आन बान है आँखें
( Aan baan hai aankhen )
देखती आन बान है आँखें
इश्क़ की वो ज़ुबान है आँखें !
किस तरह से उसे दिखा दूँ घर
वो बड़ी बदगुमान है आँखें
दुश्मन कश्मीर ले नहीं सकता
सरहद की निगेहबान है आँखें
आरजू है यही हंसी देखूँ
जो यहां दरमियान है आँखें
खून से सींचती वतन को जो
कितनी वो ही महान है आँखें
ख़ूबसूरत जहां दिखाती है
सपनों की वो उड़ान है आँखें
हर वासी की मगर करें सुरक्षा
मुल्क की वो जवान है आँखें
खेत में को गेहूं उगाती है
देश की वो किसान है आँखें