दीपावली पर कविता | Diwali Kavita in Hindi
दीपावली पर कविता
( Diwali par kavita )
( Diwali par kavita )
गांधी जी! बिखरे देश को बाँधा जिसने गांधी उसको कहते हैं। सत्य-अहिंसा के थे पुजारी दिल में हमारे रहते हैं। तूफानों से लड़ना उनका देखो खेल खिलौना था। सत्य के आगे अंग्रेजों का कद भी कितना बौना था। भारत छोड़ो के नारों से देश में क्रांति आई थी। क्या नर क्या नारी सब मिलके वस्त्रों…
खेल चलो एक खेल मिलकर खेलते हैं। जिसमें प्रतिद्वन्दी कोई नहीं होगा, न किसी को ललकारना ही है। न किसी की मर्यादा रखनी है, क्यों कि मर्यादा है ही नहीं फिर ताख पर भी रखने की जरूरत क्या? ये लोगबाग बिलावजह चिल्ल पों कर रहे है, अब इनको कौन बताये कि हमारे पाजामे में खुद…
ईश प्रार्थना बल देती है ( Eesh prarthana bal deti hai ) ईश प्रार्थना बल देती, हिम्मत और संबल देती है। आस्था विश्वास प्रेम से, उर में शक्ति भर देती है। मनोकामना पूरी करके, खाली झोली भर देती है। आशाओं के दीप जला,ईश प्रार्थना बल देती है। हर लेते प्रभु संकट सारे,…
मुसाफिर हैं आदमी: अहं किस बात की ? ************ न कोई हैसियत अपनी,न स्थायी मकान, जिंदा हैं जब तलक,तभी तक है पहचान। ढ़ाई किलो का था,जब तू आया था यहां, बस उतना ही रह जाओगे,जब जाओगे वहां। विश्वास न हो तो उठा लाना! राख के उस ढ़ेर को- जो चिता की अग्नि में जल कर…
जय हिंद , जय हिंदी , जय भारत ( Jai Hind, Jai Hindi, Jai Bharat ) हिंदी भारत देश की जनता की आवाज हो रहे शासन के पूरे हिंदी में सब काज ।। आओ साहित्य से करे राज्यभाषा का प्रचार जगत हिंदी बोल रहा अपने स्वर में आज ।। प्रेम ,प्रीत भरा हिंदी में…