वाह भाई वाह | Wah Bhai Wah
वाह भाई वाह
( Wah Bhai Wah )
बालपन से बनना चाहतें कवि-लेखक साहित्यकार,
मन में थी उनके ऐसी आशा उसको किया साकार।
तारक मेहता का उल्टा चश्मा शो से बनाएं पहचान,
शैलेश लोढ़ा नाम है जिनका सपनें किया साकार।।
९ वर्ष की उम्र में जिन्होंने बाल-कवि उपनाम पाया,
ये साहित्य की प्रेरणा इन्होंने अपनी माता से पाया।
जो कवि लेखक, मंच संचालक, अभिनेता है आज,
मारवाड़ी घर से निकलकर मुम्बई में पाॅंव जमाया।।
अच्छे-एक्टर्स में लिया जाता है आज जिनका नाम,
वाह वाह क्या बात है शो में भी कर चुकें जो काम।
धर्म पत्नी स्वाति लोढ़ा है एक डाॅक्टर एवं लेखिका,
शोमारु टीवी का चर्चित शो वाह भाई वाह है नाम।।
इनकी बदोलत नज़र आ रहें यें टी वी पर नये चेहरे,
वाह भाई वाह शो छू रहा आज बुलंदियां धीरे-धीरे।
साहित्य के प्रेमी यहां आकर कर रहें है हिंदी प्रचार,
मंच संचालन कर रहें हैं जिस पर जोधपुरी ये हीरे।।
कठिन काम कुछ भी नही है तुम करो तो शुरुआत,
ये सर्दी-गर्मी ऑंधी-तूफ़ान चाहें आती रहें बरसात।
वाह भाई वाह’ शो के लिए सब करतें रहना प्रयास,
इन्तज़ार करों उस वक्त का वह देगा तुम्हारा साथ।।