Nasha mukti par kavita
Nasha mukti par kavita

नशा मुक्त अपना भारत बनाएं

( Nasha mukt apna bharat banaen )

 

आओ मिलकर ऐसा समाज बनाएं,

नशा मुक्त अपना भारत देश बनाएं।

छोड़ो इस नशें की आदत को यारो,

आहिस्ता ही सही पर बदलाव लाएं।।

 

छोड़े हर‌ किस्म की नशें की आदत,

नशा मुक्त बनाऍं अपना यह भारत।

स्वस्थ तंदरुस्त रखो अपना जीवन,

नशा करके ‌कोई न करे महाभारत।।

 

आदतें जो है ‌बुरी इन्हें आज छोड़ो,

करना है तो नशा ये पढ़नें का करो।

बेहतरीन बनें एवं बुरे दिनों से लड़ो,

एक सभ्य और अच्छे इन्सान बनो।।

 

देशी ठररा बीयर रम एवं ये ‌वि‌स्की,

साथ ना देती यह कभी किसी की।

चाहें पिओ गाॅंजा भाॅंग डोडा पोस्त,

चाय कहवा काॅफ़ी सभी है रिस्की।

 

नहीं थकना और कभी नहीं रुकना,

हिम्मत और हौसला हमेंशा रखना।

अगर कुछ बनकर तुझे है दिखाना,

तो कर्म पथ पर चलतें ही है जाना।।

रचनाकार :गणपत लाल उदय
अजमेर ( राजस्थान )

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