दरिद्रता | Daridrata
दरिद्रता
( Daridrata )

( Daridrata )
ऐ दर्द ( E – Dard ) ऐ दर्द…. कुछ तो कम कर, मै तेरा रोज का ग्राहक हूँ….. खुशिया छोड चुका हूँ, गम निचोड चुका हूँ । आँखो मे तुमको भर कर, यही बात कहा है। ऐ दर्द… कुछ तो कम कर, मै तेरा रोज का ग्राहक हूँ…. है राज बहुत गहरा, वो दिल…
आम फल ( Aam Fal ) मेरी क्या गलती थी जो मुझे छोड़ दिया। मेरे रस का रसपान बहुत तुमने कर लिया। जब-जब तेरा मन हुआ तब-तब तुमने मुझे चूसा। अब जाने का समय हुआ तो आम से मुँह मोड लिया।। जब आता हूँ तो गुण गान करते हो। मेरी प्रसन्नता के लिए क्या क्या…
बापू ( गाॅंधी स्मरण ) ( Bapu : Gandhi Smaran ) तीन गोलियों से तुमने चिर जीवन पाया बापू ! तुम अश्वत्थामा बन अमर हो गये और हजारों बरसों की कटुता मलीनता अपने शोणित गंगाजल से सहज धो गये !! लेकिन तुमने जिन पुत्रों से प्यार किया था जो थे रूठ रूठ कर …
तेरे साथ ये लम्हे ( Tere Sath ye Lamhe ) बुझते को ज्योति हो जैसे, भूखे को रोटी हो जैसे, तेरे साथ ये लम्हे ऐसे, सीप मे मोती हो जैसे, श्री हरि की पौड़ी जैसे, राधा कृष्ण की जोड़ी जैसे, इन लम्हों मे मै हो जाऊॅ चंदा की चकोरी जैसे, मिसरी की मीठी डलियों…
रूप चतुर्दशी/नरक चतुर्दशी ( Naraka Chaturdashi ) दिवाली के एक दिन पहले आती छोटी दिवाली, रूप चतुर्दशी नर्क चतुर्दशी कहते चौदस काली। नरका पूजा के नाम से भी जानते है हम इसको, चौमुखा दीप रोली गुड़ खीर से सजाते है थाली।। इस दिन सायं के समय चारों तरफ़ दीप जलाते, विधि विधान से कृष्ण…
घर में पधारो गजानंद जी ( Ghar me padharo Gajanan ji ) घर में पधारो गजानंदजी आओ आंगणिया आओ। लंबोदर महाराज गणेश रिद्धि सिद्धि संग लाओ। दूंद दुंदाला सुंड सुंडाला विघ्नहर्ता गजानन देवा। श्रीगणेश गणपति गदाधर गौरी सुवन प्रथम देवा। शिवशंकर गौरीसुत प्यारे आय भरो भंडार हमारे। सजा धजा दरबार निराला आओ गणपति प्यारे।…
ऐ दर्द ( E – Dard ) ऐ दर्द…. कुछ तो कम कर, मै तेरा रोज का ग्राहक हूँ….. खुशिया छोड चुका हूँ, गम निचोड चुका हूँ । आँखो मे तुमको भर कर, यही बात कहा है। ऐ दर्द… कुछ तो कम कर, मै तेरा रोज का ग्राहक हूँ…. है राज बहुत गहरा, वो दिल…
आम फल ( Aam Fal ) मेरी क्या गलती थी जो मुझे छोड़ दिया। मेरे रस का रसपान बहुत तुमने कर लिया। जब-जब तेरा मन हुआ तब-तब तुमने मुझे चूसा। अब जाने का समय हुआ तो आम से मुँह मोड लिया।। जब आता हूँ तो गुण गान करते हो। मेरी प्रसन्नता के लिए क्या क्या…
बापू ( गाॅंधी स्मरण ) ( Bapu : Gandhi Smaran ) तीन गोलियों से तुमने चिर जीवन पाया बापू ! तुम अश्वत्थामा बन अमर हो गये और हजारों बरसों की कटुता मलीनता अपने शोणित गंगाजल से सहज धो गये !! लेकिन तुमने जिन पुत्रों से प्यार किया था जो थे रूठ रूठ कर …
तेरे साथ ये लम्हे ( Tere Sath ye Lamhe ) बुझते को ज्योति हो जैसे, भूखे को रोटी हो जैसे, तेरे साथ ये लम्हे ऐसे, सीप मे मोती हो जैसे, श्री हरि की पौड़ी जैसे, राधा कृष्ण की जोड़ी जैसे, इन लम्हों मे मै हो जाऊॅ चंदा की चकोरी जैसे, मिसरी की मीठी डलियों…
रूप चतुर्दशी/नरक चतुर्दशी ( Naraka Chaturdashi ) दिवाली के एक दिन पहले आती छोटी दिवाली, रूप चतुर्दशी नर्क चतुर्दशी कहते चौदस काली। नरका पूजा के नाम से भी जानते है हम इसको, चौमुखा दीप रोली गुड़ खीर से सजाते है थाली।। इस दिन सायं के समय चारों तरफ़ दीप जलाते, विधि विधान से कृष्ण…
घर में पधारो गजानंद जी ( Ghar me padharo Gajanan ji ) घर में पधारो गजानंदजी आओ आंगणिया आओ। लंबोदर महाराज गणेश रिद्धि सिद्धि संग लाओ। दूंद दुंदाला सुंड सुंडाला विघ्नहर्ता गजानन देवा। श्रीगणेश गणपति गदाधर गौरी सुवन प्रथम देवा। शिवशंकर गौरीसुत प्यारे आय भरो भंडार हमारे। सजा धजा दरबार निराला आओ गणपति प्यारे।…
ऐ दर्द ( E – Dard ) ऐ दर्द…. कुछ तो कम कर, मै तेरा रोज का ग्राहक हूँ….. खुशिया छोड चुका हूँ, गम निचोड चुका हूँ । आँखो मे तुमको भर कर, यही बात कहा है। ऐ दर्द… कुछ तो कम कर, मै तेरा रोज का ग्राहक हूँ…. है राज बहुत गहरा, वो दिल…
आम फल ( Aam Fal ) मेरी क्या गलती थी जो मुझे छोड़ दिया। मेरे रस का रसपान बहुत तुमने कर लिया। जब-जब तेरा मन हुआ तब-तब तुमने मुझे चूसा। अब जाने का समय हुआ तो आम से मुँह मोड लिया।। जब आता हूँ तो गुण गान करते हो। मेरी प्रसन्नता के लिए क्या क्या…
बापू ( गाॅंधी स्मरण ) ( Bapu : Gandhi Smaran ) तीन गोलियों से तुमने चिर जीवन पाया बापू ! तुम अश्वत्थामा बन अमर हो गये और हजारों बरसों की कटुता मलीनता अपने शोणित गंगाजल से सहज धो गये !! लेकिन तुमने जिन पुत्रों से प्यार किया था जो थे रूठ रूठ कर …
तेरे साथ ये लम्हे ( Tere Sath ye Lamhe ) बुझते को ज्योति हो जैसे, भूखे को रोटी हो जैसे, तेरे साथ ये लम्हे ऐसे, सीप मे मोती हो जैसे, श्री हरि की पौड़ी जैसे, राधा कृष्ण की जोड़ी जैसे, इन लम्हों मे मै हो जाऊॅ चंदा की चकोरी जैसे, मिसरी की मीठी डलियों…
रूप चतुर्दशी/नरक चतुर्दशी ( Naraka Chaturdashi ) दिवाली के एक दिन पहले आती छोटी दिवाली, रूप चतुर्दशी नर्क चतुर्दशी कहते चौदस काली। नरका पूजा के नाम से भी जानते है हम इसको, चौमुखा दीप रोली गुड़ खीर से सजाते है थाली।। इस दिन सायं के समय चारों तरफ़ दीप जलाते, विधि विधान से कृष्ण…
घर में पधारो गजानंद जी ( Ghar me padharo Gajanan ji ) घर में पधारो गजानंदजी आओ आंगणिया आओ। लंबोदर महाराज गणेश रिद्धि सिद्धि संग लाओ। दूंद दुंदाला सुंड सुंडाला विघ्नहर्ता गजानन देवा। श्रीगणेश गणपति गदाधर गौरी सुवन प्रथम देवा। शिवशंकर गौरीसुत प्यारे आय भरो भंडार हमारे। सजा धजा दरबार निराला आओ गणपति प्यारे।…