कुंभलगढ़ दुर्ग | Kumbhalgarh Durg
कुंभलगढ़ दुर्ग
( Kumbhalgarh durg )
शूरवीरों की तीर्थस्थली है, हिंद की महान दीवार
शत शत वंदन अभिनंदन ,
मेवाड़ पुनीत पावन धरा ।
प्रताप शौर्य सदा परम,
साक्षात गवाह हर कतरा ।
दर्शन मेवाड़ी आंख उपमा,
कुंभलगढ़ महिमा सदैव अपार ।
शूरवीरों की तीर्थस्थली है, हिंद की महान दीवार ।।
तेरह मई चौदह सौ उनसठ,
अरावली मध्य स्थापना उजास ।
प्राकृतिक सुरक्षा अभेद चक्र,
प्रेरणा बिंब राणा कुंभा साहस ।
छत्तीस किलो मीटर लंबाई,
ग्यारह सौ मीटर ऊंचाई आकार ।
शूरवीरों की तीर्थस्थली है, हिंद की महान दीवार ।।
पंद्रह फीट चौड़ाई अनुपम ,
अंतर तीन सौ सात मंदिर छवि ।
अवतरण केंद्र राणा प्रताप,
ओज आकर्षण सम रवि ।
स्थापत्य कला मनमोहनी शैली ,
उरस्थ शोभा भव्य गढ़ कटार ।
शूरवीरों की तीर्थस्थली है, हिंद की महान दीवार ।।
संकटकालीन राजधानी आभा,
रक्षित मेवाड़ राजवंश स्वाभिमान ।
निज रक्त हार एक्य दृष्टांत तज,
सदा शिरोमणि अजेय गुणगान ।
आन बान शान अप्रतिम पर्याय,
स्वर्णिम इतिहास ओजस्विता धार ।
शूरवीरों की तीर्थस्थली है, हिंद की महान दीवार ।।
नवलगढ़ (राजस्थान)