रिश्तों का फर्ज | Rishton ka Farz
रिश्तों का फर्ज
( Rishton ka farz )
जिंदगी के हर रास्ते संग संग पार करेंगे
अपने हर फर्ज को निभाते रहेंगे
जिंदगी के हर रंग में रंग जायेंगे हम
जिंदगी का हर सफर साथ में ही तय कर
रिश्तों में आई खटास भी अगर कभी
मिठास उनमे हमेशा हम भरेंगे
निभायेंगे हर जिम्मेदारियां
हम अपनी
यारी का भी रिश्ता हम बनाएंगे
जिंदगी के भी बहुत सबक सीखे हैं हमने
दहलीज घर की हम सजायेंगे
करना खता माफ गर हो जाये कभी
बा अदब फर्ज अपना हम निभायेंगे
जिंदगी के हर रंग में रंग जायेंगे
नौशाबा जिलानी सुरिया
महाराष्ट्र, सिंदी (रे)