आज जी भर के गाने दो | Gane do
आज जी भर के गाने दो
( Aaj ji bhar ke gane do )
है कल का क्या विश्वास समय का
साथ निभाने दो।
आज जी भर के गाने दो।
क्षण क्षण बदल रहा है किस क्षण,
क्या होगा क्या जाने,
पल पल में परिवर्तन होता,
प्रकृति बदलती बाने,
अंतर का आवेग निकल कर
बाहर आने दो।
आज जी भर के गाने दो।
गंध लुटाते सुमन आज जो,
वे मुरझायेंगे,
जो प्रयाण कर गये पथिक,
वे फिर लौट न आयेंगे,
जो कुछ भी मिल रहा आज,
उसको तो पाने दो।
आज जी भर के गाने दो।
इन्द्रधनुष है आज जहाॅ पर,
कल झंझायें होंगी,
मनचाहा कर पाने में,
कितनी बाधायें होंगी,
भावों के निर्झर में कुछ पल
और नहाने दो।
आज जी भर के गाने दो।
लखनऊ (उत्तर प्रदेश)