Ghazal Akal Nahi Hai

अक्ल नहीं है | Ghazal Akal Nahi Hai

अक्ल नहीं है

(Akal Nahi Hai )

 

अक्ल नहीं है उस जाहिल में
खोया दिल उसका ग़ाफ़िल में

रब टाल मुसीबत सर पे है
जा है मेरी तो मुश्किल में

बात छुपा न सनम तू कोई
बोल ज़रा जो तेरे दिल में

यादों की फुवारे आती है
मोज़े उठती जो साहिल में

सारे आये नज़र मुझे पर
न नज़र आया वो महफ़िल में

पा लेता है मंज़िल अपनी
ताक़त होती है क़ाबिल में

रोज़ मिली हो नफ़रत आज़म
उल्फ़त कैसे हो बेदिल में

शायर: आज़म नैय्यर
(सहारनपुर )

यह भी पढ़ें :-

आंखों से करती जादू है | Ghazal Aankhon se

Similar Posts

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *