तेरी अदाएं

तेरी अदाएं | Geet Teri Adayein

तेरी अदाएं

( Teri Adayein )

बहुत ख़ूबसूरत हैं तेरी अदाएं।
कहां तक सनम तुझसे नज़रें चुराएं।

ये काजल की डोरी,ये माथे की बिंदिया।
चुराती हैं रह-रह के आंखों की निंदिया।
तिरे अबरुओं के ये मंज़र निराले।
तसव्वुर में आ-आ के दिल गुदगुदाएं।
कहां तक सनम तुझसे नज़रे चुराएं।

बदन तेरा जैसे गुलाबों की डाली।
क़यामत है उसपर ह़सीं रुख़ की लाली।
ये शानों पे ख़मदार ज़ुल्फ़ों के बादल।
चलन प्यार करने के हमको सिखाएं।
कहां तक सनम तुझसे नज़रें चुराएं।

कभी हंस के रुकना,कभी हंस के चलना।
कभी खुलके मिलना,कभी ख़ुद झिझकना।
ये सारी अदाएं तिरी ऐ सितमगर।
मुह़ब्बत का सीने में तूफ़ां उठाएं।
कहां तक सनम तुझसे नज़रें चुराएं।

बहुत ख़ूबसूरत हैं तेरी अदाएं।
कहां तक सनम तुझसे नज़रें चुराएं।

सरफ़राज़ हुसैन फ़राज़

पीपलसानवी

यह भी पढ़ें:-

आप की याद | Ghazal Aap ki Yaad

Similar Posts

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *