कला संस्कृति | Kavita Kala Sanskriti
कला संस्कृति
( Kala Sanskriti )
मेरे तेरे होने का
कोई प्रणाम चाहिए।
कला और संस्कृति का
कोई आधार चाहिए।
बिना आधार के क्या
बचा पाएंगे संस्कृति को।
जो हमारे पूर्वजो की
बहुत बड़ी धरोहर है।।
कला का संस्कृति पर
बड़ा उपकार होता है।
संस्कृति के चलते ही
कला उदय होता है।
दोनों के मिलन से
समाज में सुधार होता है।
इसलिए तो भारत को
कला संस्कृति का देश कहते है।।
कलाकार अपनी संस्कृति का
पत्थरों पर चित्रण करता है।
जिसे दुनिया देखकर के
प्रसंन्सा कला संस्कृति की करता है।
और पूरे विश्व में देखो
भारत का नाम रोशन करता है।
और अपने देश के लोगों का
गौरव बढ़ता है।।
जय जिनेंद्र
संजय जैन “बीना” मुंबई