कहानी प्यार की | Kahani Pyar Ki
कहानी प्यार की
( Kahani Pyar Ki )
कहानी प्यार की हर एक ही नमकीन होती है
मगर जब ख़त्म होती है बहुत ग़मगीन होती है
ज़माने से यही हमने सुना है आजतक लोगो
किसी के प्यार से ही ज़िन्दगी रंगीन होती है
बदल लेती है कपड़ों की तरह यह दिल की चाहत को
जवानी सुनते आये हैं बड़ी शौक़ीन होती है
मैं जब भी देखता हूँ अंजुमन में इक नज़र उसको
मेरी ग़ज़लों को सुनने में सदा तल्लीन होती है
यही तुम सोचकर मेरी कभी जानिब चले आना
अकेले काटने में रात हर संगीन होती है
अजब सी कैफ़ियत में आजकल रहता हूँ हर लम्हा
कि तुमसे बात करके ही मुझे तस्कीन होती है
तेरे इस ज़हर को यूँ पी लिया हँसते हुए साग़र
मुहब्बत के इदारों में कहाँ तौहीन होती है
कवि व शायर: विनय साग़र जायसवाल बरेली
846, शाहबाद, गोंदनी चौक
बरेली 243003
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अतिसुन्दर
बेहद खूबसूरत शानदार ग़ज़ल आदरणीय गुरुदेव जी