Dushman Mita hai
Dushman Mita hai

तिरंगो से सज़ा देखो वतन है 

( Tirango se saja dekho vatan hai ) 

 

तिरंगो से सज़ा देखो वतन है
गुलों से यूं भरा अपना चमन है

सलामत ए ख़ुदा रखना हमेशा
वतन का जो हसीं मेरे फ़बन है

नहीं आये कभी कोई मुसीबत
वतन में रब सदा रखना अमन है

किसी में बू नहीं हो नफ़रतों की
मुहब्बत के खिले दिल में सुमन है

मुहब्बत के वतन में बांटते गुल
हमारा एक ही देखो चलन है

वतन पे जो लुटाते जान आज़म
किया है आज सैनिक को नमन है

 

 दुश्मन मरा है

( Dushman mita hai ) 

 

जां हथेली पे लिए सैनिक लड़ा है ?
सरहदों पर देखिये दुश्मन मरा है

दो दुआएं फ़त्ह करके आये सैनिक
हर अदू को मारने सैनिक चला है

आंसुओं से आंखें भर आई हैं मेरी
सैनिकों पर जब यहाँ हमला हुआ है

सैनिकों ने ले लिया बदला वतन का
देखिये कश्मीर से दुश्मन मिटा है

आ नहीं सकता मरेगा वरना दुश्मन
सरहदों पर सख़्त अब पहरा लगा है

क़ातिलों की जुस्तजू में निकली सेना
जुल्म का अब देखिये पर्दा उठा है

देश में हर पल रहे लोगों अमन ही
रोज़ करता बस यही आज़म दुआ है

 

शायर: आज़म नैय्यर
(सहारनपुर )

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