अहसान रहेगा | Ahsan Rahega
अहसान रहेगा
( Ahsan Rahega )
मतला–
उस पर भी अभिमान रहेगा
याद जिसे अहसान रहेगा
हुस्ने-मतला–
जिस दिल में भगवान रहेगा
उस पर जग क़ुर्बान रहेगा
जिस दिल में हो तू ही तू बस
उसको क्या कुछ भान रहेगा
मेरे आँसू पोंछ भी दे अब
मेरा भी कुछ मान रहेगा
जिस पर वंशीधर मोहित हों
हर दुख से अंजान रहेगा
लीलाधर की लीलाओं में
उलझा हर इंसान रहेगा
सीख ले दुनियादारी पगले
कब तक तू नादान रहेगा
छोड़ न दामन रघुवर का तू
हर रस्ता आसान रहेगा
साग़र मुफ़लिस के ईमां से
लड़ता क्या धनवान रहेगा
कवि व शायर: विनय साग़र जायसवाल बरेली
846, शाहबाद, गोंदनी चौक
बरेली 243003
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