छठलोकगीत

हे सूरज देवा | छठलोकगीत

हे सूरज देवा

पानी के पियासल तिरिया,
जोहत बाटिन बांट हो,
हे सूरज देवा,
जल्दी जल्दी आवा हमरे घाट हो,
हे सूरज देवा –2

रहम करा तीन दिन से,
बाटी हम भूखल पियासल,
बदरी में जाके काहे,
करत हौआ लुकाछिपल,
अब ना सतावा जल्दी हेन्हें आवा हो,
हे सूरज देवा।
जल्दी जल्दी आवा हमरे घाट हो
हे सूरज देवा—2।

अबकी बरस हम कईले बानी छठ पूजा,
बनउले बाटी रच-रचकर हम ठेकुआ,
सूप के सजा बीच दीपक जलाईला ,
बांसे क बहंगिंया संग चलिला घाट हो,
हे सूरज देवा।
जल्दी-जल्दी आवा हमरे घाट हो ।
हे सूरज देवा–2।

अखण्ड सौभाग्य रहे करत बानी विनती,
छठी मैया सलामत रखिहा बालक हमरे गोदी ,
मोर तिरिया क व्रत पावन, झर-झर झरें मोर नयनवा,
पूरब दिशा में फैलाइदा ललकी किरनियां हो,
हे सुरज देवा,
जल्दी-जल्दी आवा हमरे घाट हो,
हे सूरज देवा—2।

पानी क पियासल तिरिया ,
जोहत बाटिन बांट हो,
हे सूरज देवा,
जल्दी जल्दी आवा हमरे घाट हो,
हे सूरज देवा——।

प्रतिभा पाण्डेय “प्रति”
चेन्नई

यह भी पढ़ें :-

Similar Posts

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *