हे महामना शत शत प्रणाम

हे महामना शत शत प्रणाम

हे महामना शत शत प्रणाम

नैतिकता का
शोध शुद्ध
मर्म सुगंध
पुष्प प्रावाह सा
मालवा महिमा की
परिभाषा
क्रांति शान्ति का
देवदूत ।।

युग काल
चेतना का प्रहरी
ईश ईश्वर
अविनासी का सत्य
साक्ष्य सरस्वती साधक
ब्रह्मसत्य का पर्याय।।

भारत भूमि का
शौर्य पराक्रम
निराश जन मन
कि हुंकार
युवा ओज
संरक्षक वचन कर्म
धर्म का सनातन ।।

कानून विद
पत्रकार कर्म
जन्म मर्म
भारत माता का
आँचल काशी और प्रयाग
गौरव गरिमा का
महामना प्रेरक पुरुषार्थ।।

जन मन का मोहन
राष्ट्र आराधना का
महामना संकल्प
प्रतिज्ञा का पुरुष
श्रेष्ठ भिखारी
राष्ट्र धन्य धरोहर।।

जीवन का जन्मेजय निष्ठा
ईमानदारी का प्रखर निखर
मशाल हे युग जागरण
मौलिकता के मूल पुरुष
शत शत नमन प्रणाम।।

नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर

गोरखपुर उत्तर प्रदेश

यह भी पढ़ें:-

Similar Posts

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *