Kavita Desh Hamara
Kavita Desh Hamara

देश हमारा हम हैं इसके

( Desh hamara hum hain iske ) 

 

जिन भावों को मन में धर के, उत्सव खूब मनाया है।
जिन भावों को राष्ट्रगान में, मिलकर हमने गाया है।।

जिन भावों से भारत मां की, जय जयकार लगाई है।
जिन भावों से संविधान की, तुमने रखी दुहाई है।।

एक निवेदन उन भावों को, निशदिन जिंदा रखना तुम।
हरपल अपने दिल में यारों, याद तिरंगा रखना तुम।।

कल से भूल नहीं जाना कि, अपना देश महान है
कल से भूल नहीं जाना कि, देश हमारी शान है।।

कल से भूल नहीं जाना तुम, देश धर्म की बातों को।
कल से भूल नहीं जाना तुम, धरती मां से नातों को।।

देश हमारा हम हैं इसके, केवल इसका भान रहे।
हरपल अपने दिल में यारों, अपना हिंदुस्तान रहे।।

 

कवि भोले प्रसाद नेमा “चंचल”
हर्रई,  छिंदवाड़ा
( मध्य प्रदेश )

 

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