अटल बिहारी
अटल बिहारी
सत्य के पथ पर अपने कर्मों से
चल रहे थे जो संभल संभल ,
नाम से ही नही अपने काम से भी
इस जनता के भी प्यारे थे अटल।।
प्रखर राजनेता बनकर जिन्होंने
प्रधानमंत्री पद के दायित्व को चुना
जनता की सुनने वाले इस सेवक को
जनता ने ही अपना स्वयं नेता चुना ।।
परम ओजस्वी वक्ता थे बिहारी जी
वे थे प्रशंसनीय कलम के जादूगर
एक से बढ़कर एक लिखी उन्होनें
अनेको कविताएँ , छंद ,गीत रचनाएं ।।
भावविभोर कर देने वाली शैली ,
उनकी लिखी रचनाओं में होती थी!
उनका प्रभाव इतना गहरा था की
याद से उनकी इतिहास सुनहरा है।।
व्यंगात्मक रूप में वह बात अपनी
सत्ता में जब प्रकट किया करते थे !
राजनीति की दुनिया में एक खलबली
सी तब चारो ओर हुआ करती थी!
” छोटे मन से कोई बड़ा नहीं होता,
टूटे मन से कोई खड़ा नहीं होता।”
यह पंक्तियां उनके सत्य को दर्शाती है
सरल व्यक्तित्व की पहचान बताती है।।
मेरे भारत का परम सौभाग्य है
यह मिला एक अनमोल रत्न,
भारत मां के लाडले अटल जी
सत्य होता था जिनका हर वचन ।।
ऐसे दृढसंकल्पित व्यक्ति जिन्होंने
देश हित के लिए किए अनेकों जतन
भूल नहीं सकती जनता अटल जी को
करते है हम उनको शत शत नमन।।
आशी प्रतिभा दुबे (स्वतंत्र लेखिका)
ग्वालियर – मध्य प्रदेश