Hindi Poetry On Life | Hindi Poem | Hindi Poetry -रिश्ता
रिश्ता
( Rishta )
बाइज्जत बरी ! ( Baijjat bari ) बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले में, सीबीआई की विशेष अदालत ने- फैसला दिया है; सभी 32 आरोपियों को बरी किया है। आडवाणी , जोशी साफ बच गए? इनके खिलाफ कोई साक्ष्य नहीं मिला- जज साहब कह गए! तो सवाल है मस्जिद तोड़ी किसने? क्या भूत पिसाच या भूकंप ने…
प्रकृति ( Prakriti ) इस प्रकृति की छटा है न्यारी, कहीं बंजर भू कहीं खिलती क्यारी, कल कल बहती नदियां देखो, कहीं आग उगलती अति कारी। रूप अनोखा इस धरणी का, नीली चादर ओढ़े अम्बर, खलिहानों में लहलाती फसलें, पर्वत का ताज़ पहना हो सर पर। झरनों के रूप में छलकता यौवन,…
सबसे बड़ी है रे माँ ( Sabse badi hai re maa ) सबसे बड़ी है रे माँ ओ भैया मेरे सबसे बड़ी है माँ नौ माह तुझको पेट में झुलाती माँ अपनी छाती का तुझे दूध पिलाती माँ ख़ुद गीले में तुझको सुखे में सुलाती माँ वो लेकर बहुत अरमान । ओ भैया मेरे…
योग ! ( Yoga ) ( विश्व योग दिवस विशेष ) खिला -खिला रहता है जीवन, जो भी योग अपनाता। छिपी हैं योग में अनंत शक्तियाँ, पर विरला इसे जगाता। प्राणायाम के माध्यम से हम, अपना विश्वास बढ़ाएँ । अनुलोम-विलोम,कपालभाती से, जीवन दीर्घायु बनाएँ। चुस्ती-फुर्ती रहती दिनभर, मन प्रसन्न भी रहता। बुद्धि-विवेक बढ़ता है…
कौन हूँ मैं? ( Kaun hoon main kavita ) सहमी सहमी कमजोर नहीं हूं भीगी भीगी ओस नहीं हूं आसमान पर उड़ने वाली चंचल चितवन चकोर नहीं हूँ कोमल कच्ची डोर नहीं हूं अनदेखी से उड़ने वाली शबनम सम छोटी बूँदों जैसी खुशबू भीनी हिलौर नहीं हूं कुछ जुमलों से डर जाउंगी…
राजा रंक सभी फल ढ़ोते ( Raja runk sabhi phal dhote ) राजा रंक सभी फल ढ़ोते, होता कर्ज़ चुकाना। कर्मों के अनुसार जीव को, पड़े दंड भुगताना।। मानव दानव पशु पक्षी बन, इस धरती पर आता। सत पथ गामी मंच दिया है, बिरला नर तर पाता। कोई जीवन सफल बनाता, ले जाता नजराना।…