Nazm Woh Goonj | वो गूंज
वो गूंज
( Woh Goonj )
वो
गूंज
वो सदा
जो
उठती है
मुझसे
पहुँचती है
तुम तलक
छूकर
कभी
नाद
करती है
कभी नहीं भी
बिखर जाती है
बीच
खला में
खाली सी
तरंगे
हवा की
आजाती है
फिर भरने को
शंख
ह्रदय का
बस
इक वही
बरसों का
स्पंदन,
कंपन लिये
धड़कता है
दिल मेरा
पुरानी सी
वही
धड़कन लिये….
लेखिका :- Suneet Sood Grover
अमृतसर ( पंजाब )