ख्याल हूँ मैं तेरे ख्वाब का
ख्याल हूँ मैं तेरे ख्वाब का

ख्याल हूँ मैं तेरे ख्वाब का

( Khayal Hun Main Tere Khawb Ka )

 

ख्याल हूँ मैं, तेरे ख्वाब का

तसव्वुर से निकली तो

हकीकत में उलझ न जाऊँ कहीं

 

अशआ’र तेरे, गज़ल हूँ मैं

ज़हन से निकली तो

पन्नों पर बिखर न जाउँ कहीं

 

नज़र तेरी, मंजर सुहाना हूँ मैं

बसारत से जो निकली तो

वीराने में न बदल जाऊँ कहीं

 

मयकश तू , तेरी मय हूँ मैं

जाम से जो निकली तो

हवा में फ़ना हो न जाऊँ कहीं

Suneet Sood Grover

लेखिका :- Suneet Sood Grover

अमृतसर ( पंजाब )

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