जब किसी से वफ़ा नहीं मिलती
जब किसी से वफ़ा नहीं मिलती

जब किसी से वफ़ा नहीं मिलती

( Jab kisi se wafa nahi milti )

 

जब किसी से वफ़ा नहीं मिलती !

टूटे दिल में सदा नहीं मिलती

 

डूब जाता है दिल गमों में फ़िर

इश्क़ की जब दवा नहीं मिलती

 

हर कोई खाया है  किसी में ही

यादें दिल से जुदा नहीं मिलती

 

ढूंढ़ता हूं राहें मुहब्बत की

वो राहें क्यों ख़ुदा नहीं मिलती

 

जो कभी देखती थी नफ़रत से

अब वो आँखें खफ़ा नहीं मिलती

 

मैं नहीं फ़िर उदास रहता यूं

दोस्ती तेरी बेवफ़ा नहीं मिलती

 

दर्द से दिल न भरता आज़म का

प्यार में जो जफ़ा नहीं मिलती

 

❣️

शायर: आज़म नैय्यर

 

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