मुहब्बत की ख़ुशबू से मन भरा है

Hindi Ghazal on love | मुहब्बत की ख़ुशबू से मन भरा है

मुहब्बत की ख़ुशबू से मन भरा है

( Muhabbat KI  Khushboo Se Man Bhara Hai )

 

 

मुहब्बत की ख़ुशबू से मन भरा है!

गुलाबी फ़ूल मन में खिल रहा है

 

मुहब्बत में हुआ घायल मैं ऐसा

किसी की तीर आंखों का चला है

 

रहा वो ग़ैर बनकर रोज़ मुझसे

हंसी चेहरा न वो  मेरा हुआ है

 

जिधर देखूँ नजर आये वही अब

किसी  के प्यार का ऐसा नशा है

 

ख़ुदा कर दें बलायें दूर घर की

लबों  पे  रोज़  मेरे  यें  दुआ है

 

बना दें हम सफ़र उसको मेरा ही

मुझे  जो  देखकर चेहरा हंसा है

 

मिला  है  जाम  मुझको नफ़रतों का

उल्फ़त का जाम कब आज़म मिला है

 

❣️

शायर: आज़म नैय्यर

(सहारनपुर )

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