शब्द | Hindi Poetry
शब्द
( Shabd )
मेरे शब्दों की दुनिया में, आओं कभी।
स्वर में कविता मेरी, गुनगुनाओ कभी।
बात दिल की सभी को बता दो अभी।
मेरे शब्दों की दुनिया में……..
ये जो रचना मेरी देगी जीवन तभी।
लय में सुर ताल रिद्धम में बाँधो कभी।
अपने भावों को इसमें मिलाओ कभी।
मेरे शब्दों की दुनिया में……..
रस तंरगो की अनुपम ये बौछार है।
मेरी कविता के शब्दों में वो प्राण है।
सुर में मनभाव सबके जगाओ कभी।
मेरे शब्दों की दुनिया में……
शेर लिखता रहा भावना प्यार की।
कल्पना मे बसी जो थी दिल मे कभी।
बनके सौभाग्य दुर्भाग्य मिटाओ सभी।
मेरे शब्दों की दुनिया में….
गीत होगा अमर मेरा तू जो पढे।
मान सम्मान तुम संग मेरा भी बढे।
ऐसी झंकार लय मे मिलाओ कभी।
मेरे शब्दों की दुनिया में…….
होगा सुन्दर तभी जो तू आवाज दें।
मेरी कविता को स्वर मे जो तू प्राण दे।
अपनी सहमती को हमसें जताओ कभी।
मेरे शब्दों की दुनिया में…..
वाणी में तेरे बैठी है माँ शारदे।
पढ के कविता मेरी तू इसे तार दे।
शेर के प्यास को तुम बुझाओ कभी।
मेरे शब्दों की दुनिया मे…..
कवि : शेर सिंह हुंकार
देवरिया ( उत्तर प्रदेश )