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छठ पूजा के गीतों की मधुरिमा

छठ पूजा के गीतों की मधुरिमा

छठ पूजा के गीतों की मधुरिमा से यूट्यूब चैनल भक्तिमय हो गया है, नये और पुराने गायक/गायिकाएं वातावरण को रस से भर दिए हैं। क्या गांव क्या शहर सभी ओर गीत ही गीत गूंज रहे हैं। शारदा सिन्हा जी को तो भुलाया ही नहीं जा सकता तो भरत शर्मा को बिना सुने रहा भी नहीं…

रक्षा बंधन के गीतों में भोजपुरी की खुशबू

रक्षा बंधन के गीतों में भोजपुरी की खुशबू

विदित हो कि रक्षा बंधन 19 अगस्त 2024 को पड़ने वाला है, इस अवसर पर भोजपुरी गीतों का स्वर गूंजने लगा है, और जिंदगी में खुशबू-सी आने लगी है। एक तरफ भोजपुरी गीत की स्वर साधिका सुष्मिता का एक गीत -“सोना में सोहागवा जइसे” और वहीं दूसरा गीत -“सावन मासे ए भइया उचरेला कागवा” श्रोताओं…

Geeton ki Gagari

गीतों की गगरी | Geeton ki Gagari

गीतों की गगरी ( Geeton ki Gagari ) गीतों की गगरी छलका कर,सर्वत्र सुधा बरसाता हूँ। अपने अधरों पर प्यास लिये, औरों की प्यास बुझाता हूँ।। मैं सोम-सुधा पीने वाला ,खाली है मेरा घट-प्याला । सजती रहती है नयनों में ,मेरे सपनों की मधुशाला । साँसों की तालों पर छेडूँ ,मधुरिम गीतों की स्वर माला…

Sahitya aur Hindi Film

साहित्य और हिंदी फिल्मी गीतों की जुगलबंदी

“वियोगी होगा पहला कवि, आह से उपजा होगा गान” शब्दों का यह सफर सदियों से चल रहा है हमारा हमसफर बनकर, गीतों, गजलों, कविताओं में ढलकर। काव्य अनुभूत जिंदगी है। ऐसी शाब्दिक अभिव्यक्ति जो हमारे ह्रदय के भावों की सघनता, गहनता को परिभाषित और मुखर करती है। साहित्य की सुभाषित, सुवासित, सर्वोत्कृष्ट और सुंदर विधा…

Shabdon ka Shilpkar

गीतों को सौगात समझना | Poem geeton ko saugaat samajhna

गीतों को सौगात समझना ( Geeton ko saugaat samajhna )   काव्य भावों को समझ सको तो हर बात समझना मैंने लिखे हैं गीत नए गीतों को सौगात समझना   दिल का दर्द बयां करते उर बहती भावधारा मधुर तराने प्यारे-प्यारे हर्षित हो सदन सारा   शब्द शब्द मोती से झरते बनकर चेहरे की मुस्कान…

छठ पूजा महापर्व

छठ पूजा महापर्व

छठ पूजा महापर्व आया पर्वो का पर्व महापर्व,छठी मैया की पूजा का पर्व।दशहरा दिवाली के बाद ,छठी पूजा है हमारा गर्व।। लोकगीतों से शुरू होता है,परंपराओं से जुड़ा हुआ है।है त्यौहार यह अलौकिक,मान्यताओं से घिरा हुआ है।। बड़ा अनोखा है इसका इतिहास,छठी पर्व की जिन्होंने किया शुरुआत।मंगल कार्य है यह पूजा,विशेष महत्व है इसे प्राप्त।।…

Talwar di Gayi

तलवार दी गई | Talwar di Gayi

तलवार दी गई ( Talwar di Gayi ) ख़ुद पर ही वार करने को तलवार दी गईथाली में यूँ सजा के हमें हार दी गई गर्दन हमारी यूँ तो सर-ए-दार दी गईफिर भोंकने को जिस्म में तलवार दी गई कहने को हम खड़े थे अज़ीज़ों के दर्मियांमंज़िल हमीं को और भी दुश्वार दी गई हमने…

चिट्ठी-पत्री

कहाँ खो गई अपनों की चिट्ठी-पत्री

संचार क्रांति के इस युग में अब नहीं आती कहीं से भी अपनों की चिट्ठी-पत्री। बदलते दौर में घर से जाते समय अब कोई नहीं कहता कि पहुंतें ही चिट्ठी लिखना। आज की नयी पीढ़ी पत्र लेखन की कला से कोसो दूर है। वास्तव में नयी पीढ़ी यह भी नयी जानती कि डाकिया भी कोई…

बदलते समय के साथ बदलती हुई हिंदी

हिन्दी के अन्तर के स्वर

हिन्दी को भारत की राष्ट्रभाषा मान्य किये जाने के लिये १९७५ में लोकसभा में प्रस्तुत प्रस्ताव अमान्य कर दिये जाने के क्षोभ और विरोध में “हिंदी के अंतर के स्वर” शीर्षक रचना लिखी गई।१९७६ में मारीशस के द्वितीय विश्व हिंदी सम्मेलन में यह रचना प्रस्तुत हुई तो यह वहाॅं प्रशंसित और अभिनन्दित हुई।इस रचना के…

कस्तूरी गंध | Kavita Kasturi Gandh

कस्तूरी गंध | Kavita Kasturi Gandh

कस्तूरी गंध ( Kasturi Gandh ) तुमको क्या मालूम कि, कितना प्यार किया करती हूं। ठोकर खाकर संभल-संभल,कर सदा बढ़ा करती हूं।‌। रुसवा ना हो जाए मोहब्बत की ये, दुनियां हमारी। मिले उमर लंबी इसको ये, दुआ किया करती हूं।। आशाओं के दीप जलाएं ,हृदय अंधेरी कुटिया। बाती बन में जली प्रियतम, सदा तुम्हारी सुधियां।।…