आदि भारती श्री चरण वंदन

 

नैसर्गिक सौंदर्य अप्रतिम,
रज रज उद्गम दैविक उजास ।
मानवता शीर्ष शोभित पद ,
परिवेश उत्संग उमंग उल्लास ।
स्नेह प्रेम भाईचारा अथाह,
अपनत्व आह्लाद संबंध बंधन ।
आदि भारती श्री चरण वंदन ।।

विविधा अनूप विशेषण,
एकत्व उद्घोष अलंकार ।
संज्ञा गौण कर्म पहचान,
संघर्ष विरुद्ध जोश हुंकार ।
स्वाभिमान रक्षा जीवन ध्येय,
सकारामकता वैचारिकी मंडन।
आदि भारती श्री चरण वंदन ।।

जन आभा बिंब निज संस्कृति,
व्यवहार सरित प्रवाह संस्कार ।
परंपरा अंतर उत्सविक प्रभा,
वरिष्ठ सानिध्य आनंद साकार ।
सहर्ष आत्मसात लोक रंग ढंग,
शिक्षा विज्ञान प्रगति पंख स्पंदन ।
आदि भारती श्री चरण वंदन ।।

संविधान परिध कर्म धर्म साधना,
अधिकार पूर्व कर्तव्य निर्वहन ।
स्वच्छ स्वस्थ परिवेश चेतना,
सनातन लोकतंत्र आस्था गहन ।
प्रौद्योगिकी सह वैदिक अनुप्रयोग,
वसुधैव कुटुंबकम् मंत्र रंजन ।
आदि भारती श्री चरण वंदन ।।

महेन्द्र कुमार

नवलगढ़ (राजस्थान)

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