उन्वान

( Unwan ) 

 

वो पन्ना
किताब का

सोचा था
मुकम्मल
हो गया

चंद लफ्ज़ों की
कमी थी
उसकी बस
तकमील को

लम्हों की
स्याही ऐसी
कुछ बिखरी

पन्ना नया
अल्फाज़ वही
मगर
उन्वान ही
बदल गया..

लेखिका :- Suneet Sood Grover

अमृतसर ( पंजाब )

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