आती रौनक बस तेरे आने से
आती रौनक बस तेरे आने से
आती रौनक बस तेरे आने से।
गुल खिल जाते तेरे मुस्काने से।।
करते अटखेली गालों से गेसू ।
कलि खिलती ज्यूं भंवर के आने से।।
छायी खुशबू सी गुलशन में सारे।
सब महके हैं उनके महकाने से।।
गहराई में थे जो दिल के अरमां।
सब उभरे तेरे ही उकसाने से।।
छायी रूत पे रौनक जो ये “कुमार”।
फैले मोती तेरे बिखराने से।।
?
कवि व शायर: Ⓜ मुनीश कुमार “कुमार”
(हिंदी लैक्चरर )
GSS School ढाठरथ
जींद (हरियाणा)
यह भी पढ़ें :