आया रक्षाबंधन का पर्व | Kavita Aaya Rakshabandhan ka Parv
आया रक्षाबंधन का पर्व
( Rakshabandhan ka Parv )
आया सावन का महीना
राखी बांधने आई प्यारी बहना
सावन की मस्ती भरी फुहार
मधुर संगीत गुनगुनाती
मेघो की ढोल ताप पर
मां वसुंधरा भी मुस्काती
तोड़े से भी ना टूटे जो
ये ऐसा मन का बंधन
ऐसे प्यारे बंधन को
दुनिया कहती रक्षाबंधन
तुम भी इस कच्चे धागे का
मान जरा सा रख लेना
कम से कम राखी के दिन
बहन की राह तक लेना
यह रेशम का धागा भर नहीं
यह हल्की सी गांठ भी नहीं
यह भाई बहन का त्यौहार है
रक्षा करने का वादा करना
हमेशा साथ देने का इरादा करना
एक कसम साथ निभाने की
हक जताने की भाई पर
पूनम के चांद सा चमकीला
हर बहना का प्यारा भैया
बिजली चमकी खुशियों से
रिमझिम झड़ी लगाई बरखा ने
आया सावन का महीना
राखी बांधने आयी प्यारी बहना
लता सेन
इंदौर ( मध्य प्रदेश )