Abhimanyu par Kavita
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वीर अभिमन्यु

( Veer Abhimanyu ) 

 

हे महावीर तुझको है शत्-शत् नमन,
अभिमन्यु नही थें किसी से भी कम।
आज महाभारत युद्ध ‌आए हमें याद,
भीम अर्जुन जैसा दिखाया पराक्रम।।

बहादुरी के चर्चे आपके है चारों और,
कौरव सेना ने लगा दिया सारा जोर।
कांपने लगें कौरव सेना के सब लोग,
ऐसा मचाया आपने अकेले ही शोर।।

महारथियों के भी छक्के छूट ही गए,
कौरवी सेना तब अधर्म-नीति बनाएं।
अकेले पर टूट पड़े ये अनेंको निर्दयी,
ये वीर अभिमन्यु फिर भी लड़ते गए।।

ऐसे अभिमन्यु का शोर्य अमर रहेगा,
वीरों के वीर जगत तुझे याद करेगा।
निहत्था शूरवीर फिर भी लड़ता रहा,
युगों-युगों तक बलिदान याद रहेगा।।

 

रचनाकार : गणपत लाल उदय
अजमेर ( राजस्थान )

 

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