Hindi diwas par poem
Hindi diwas par poem

हिंदी दिवस

( Hindi diwas )

मनहरण घनाक्षरी

 

 

हिंदी गौरव गान है, देश का अभिमान है।
दिलों में बसने वाली, गुणगान गाइए।

 

सुर लय तान हिंदी, साज स्वर गान हिंदी।
गीतों की झंकार हिंदी, होठों पे सजाइए।

 

राष्ट्र का उत्थान हिंदी, वीरों का सम्मान हिंदी।
यश गाथा बांकूरो की, हूंकार लगाइए।

 

संस्कृति सिखाती हिंदी, नेह से मुस्काती हिंदी।
एकता की डोर हिंदी, सरिता बहाइये।

 

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कवि : रमाकांत सोनी सुदर्शन

नवलगढ़ जिला झुंझुनू

( राजस्थान )

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