हमेशा ही लुभाती है यहां सूरत कोई भोली

बहुत हमको लुभाती है यहां सूरत कोई भोली

बहुत हमको लुभाती है यहां सूरत कोई भोली   बहुत हमको लुभाती है यहां सूरत कोई भोली। करे घायल सदा दिल को लगे जैसे कोई गोली।। जिसे भी मांगना हो ग़र सदा मांगो खुदा से ही। नहीं खाली रहेगी फिर किसी की भी कोई झोली।। बने सब ग़ैर भी अपने बने अपने पराये से। करे…

प्यार के वो ही आज़म सहारे टूटे

प्यार के वो ही आज़म सहारे टूटे

प्यार के वो ही आज़म सहारे टूटे     प्यार के वो ही आज़म सहारे टूटे! आज वो ही वफ़ा के किनारे टूटे   प्यार की ही कहानी बढ़ी इसलिए आंखों से आंखों के ही नजारे टूटे   अब ज़बां पे यकीं होगा उसकी मुझे वादों के दिल से ही वो बहाने टूटे   अपनों…

गजल लिख रहा है

गजल लिख रहा है

गजल लिख रहा है   जिसकी माचिस से घर जल  रहा है, वो उसी पर गज़ल लिख रहा है।।   आपके आने का ये असर है, झोपड़ी को महल कह रहा है।।   अच्छी लगती नही बेरुखी अब, मैं नहीं मेरा दिल कह रहा है।।   शेष क्या हो गया है उसे अब, लब को…

मुसाफिर हैं आदमी: अहं किस बात की ?

मुसाफिर हैं आदमी: अहं किस बात की ?

मुसाफिर हैं आदमी: अहं किस बात की ? ************ न कोई हैसियत अपनी,न स्थायी मकान, जिंदा हैं जब तलक,तभी तक है पहचान। ढ़ाई किलो का था,जब तू आया था यहां, बस उतना ही रह जाओगे,जब जाओगे वहां। विश्वास न हो तो उठा लाना! राख के उस ढ़ेर को- जो चिता की अग्नि में जल कर…

ए दिल सुन जरा

ए दिल सुन जरा

ए दिल सुन जरा   1 उसकी यादों में दिन कटता उसके ख़्वाबों में रातें कटती ए दिल सुन जरा तू भूल जा उसको ज़रा 2 जो तेरा नहीं हुआ है उसको क्या याद करना भला ए दिल सुन ज़रा तू भूल जा उसको ज़रा 3 किया था वादा उसनें साथ निभाने का कभी और…

रहस्मयी रेखा जो आज भी बिना शादी के मांग में सिन्दूर लगाती है

रहस्मयी रेखा जो आज भी बिना शादी के मांग में सिन्दूर लगाती है

रेखा को सदाबहार अभिनेत्री के रूप में जाना जाता है। रेखा एक बेहद ही खूबसूरत अभिनेत्री हैं। इनकी खूबसूरती के उदाहरण लोग आज भी मिशाल देते हैं। लेकिन आज भी हर कोई यह जानना चाहता है कि आखिर 66 वर्षीय रेखा अपनी खूबसूरती का इतना ध्यान कैसे रख लेती हैं? साथ ही रेखा अपने साथ…

आज उसकी चले हम गली छोड़कर

आज उसकी चले हम गली छोड़कर

आज उसकी चले हम गली छोड़कर     आज उसकी चले हम गली छोड़कर नफ़रतें उसकी वो दोस्ती छोड़कर   चैन दिल को मिलेगी बहुत तेरे ही देख तू दोस्त ये मयकशी छोड़कर   दोस्ती प्यार का होगा अहसास वो देख दिल से अपनें दुश्मनी छोड़कर   प्यार के गुल उगाये आंगन में हमने दीवारें…

तुमसा बेवफा जमाने में नहीं

तुमसा बेवफा जमाने में नहीं

तुमसा बेवफा जमाने में नहीं   जब भी छेडा किस्सा वो पुराना, प्रेम से मैं महीनों सो ना न पाई चैन से मेरा दिल बेचैन था उस अनजानी सी टीस से  मैं महीनों सो ना पाई चैन से तुमतो मुडकर खो गए अपनी दुनियाँ में कहीं तेरी आहट से धड़कता दिल रहा मैं वहीं से…

मुश्किलों का न डर फिर रहेगा यहां

मुश्किलों का न डर फिर रहेगा यहां

मुश्किलों का न डर फिर रहेगा यहां   मुश्किलों का न डर फिर रहेगा यहां।। सामना होश से ग़र करेगा यहां।।   चैन पाते नहीं जिंदगी में कभी। वैर जिनके दिलों में पलेगा यहां।।   मौज बेशक मना लो भले लूट से। ज़र न ज्यादा दिनों वो टिकेगा यहां।।   दिल कभी भी किसी का…

नहीं फूलों भरा आंगन रहा है

नहीं फूलों भरा आंगन रहा है

नहीं फूलों भरा आंगन रहा है     नहीं फूलों भरा आंगन रहा है यहां सूखा यारों सावन रहा है   ख़ुशी के फूलों से दामन भरा कब ग़मों से ही भरा दामन रहा है   मिली मंजिल नहीं राहें वफ़ा की परेशां हर घड़ी बस मन रहा है   खिले खुशियों कें जीवन में…