Ayodhya ki Pawanta

अयोध्या सी पावनता

( Ayodhya ki pawanta ) 

 

अयोध्या सी पावनता,अब हर घर द्वार

कलयुग अभिव्यंजना त्रेता सम,
मानस पटल दिव्य राम नाम ।
बाईस जनवरी अद्भुत अनुपम,
रामलला प्राण प्रतिष्ठा प्रणाम ।
सर्वत्र सरित उमंग उल्लास,
आर्तभाव अनंत आस्था धार ।
अयोध्या सी पावनता, अब हर घर द्वार ।।

निमंत्रण आमंत्रण सर्वजन,
प्रभु राम स्तुति आराधना ।
दीपोत्सव द्विज अनूप उपमा,
आहूत मर्यादा पुरुषोत्तम साधना ।
काल खंड काया कल्प बेला,
रज रज स्पंदन खुशियां अपार ।
अयोध्या सी पावनता,अब हर घर द्वार ।।

वंदन निज संस्कृति परंपरा ,
स्नेह प्रेम आदर अथाह ।
परस्पर संबंध असीम अपनत्व,
रीति नीति मर्यादा निर्वाह ।
सुसंस्कार आरेख़ आभा मंडल,
नैतिकता संकल्प जीवन आधार ।
अयोध्या सी पावनता, अब हर घर द्वार ।।

उत्सविक प्रभा वैभव मंडन,
सघन तिमिर मूल पटाक्षेप ।
लघु वैचारिकी अवसान बेला,
मानवता वंदन पथ साक्षेप ।
राम आदर्श चेतना ज्योतिर्मय,
रामराज्य संकल्पना मूर्त आकार ।
अयोध्या सी पावनता,अब हर घर द्वार ।।

महेन्द्र कुमार

नवलगढ़ (राजस्थान)

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