बढ़ती बेरोज़गारी
बढ़ती बेरोज़गारी
रोज़ ही देखो बढ़ती बेरोज़गारी
क़त्ल मुफ़लिस के करती बेरोज़गारी
सोता भूखे पेट नहीं मासूम बच्चा
जो नहीं इतनी होती बेरोज़गारी
आटा कैसे मैं ख़रीदूँगा भला अब
बढ़ गयी यारों इतनी बेरोज़गारी
कैसे दूँ बिजली का बिल मैं भला ये
दिल में ही आहें भरती बेरोज़गारी
बेटी घर में है जवां सामान क्या लूं
कर रही दिल को जख़्मी बेरोज़गारी
तेल महंगा हल्दी महंगी धनिया महंगा
की सताये दिल बढ़ती बेरोज़गारी
काम आज़म के नहीं है पास कोई
सिर्फ़ ग़म दिल को देती बेरोज़गारी