Ghazal pyar se iqrar
Ghazal pyar se iqrar

प्यार से इक़रार किया रिश्ता नहीं!

( Pyar se iqrar kiya rishta nahi )

 

 

प्यार से इक़रार किया रिश्ता नहीं!

 हम सफ़र वो ही बना मेरा नहीं

 

देखिए किस बात का उसको गरूर

प्यार वो इक़रार क्यों करता नहीं

 

टूटे रिश्तें फ़िर नहीं जुड़ते कभी

रूठना यूं ही मगर अच्छा नहीं

 

हो भला दीदार अब कैसे उसका

ख़्वाब में वो अब मगर आता नहीं

 

साथ कुछ पल जो गुजारे हो उसनें

के हुआ तक़दीर में ऐसा नहीं

 

किस तरह दूं फूल उसको प्यार का

आज घर से वो मगर निकला नहीं

 

बात आज़म क्या करुं उससे भला

प्यार का उसमें  रहा लहज़ा नहीं

 

❣️

शायर: आज़म नैय्यर

(सहारनपुर )

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