बनना है मुझे सैनिक!
( Banna hai mujhe sainik )
बनना है मुझे सैनिक बन करके दिखा दूँगा,
सरहद की हिफाजत में मैं प्राण लुटा दूँगा।
प्यारा है वतन मेरा, प्यारा है चमन मेरा,
मैं कूच करूँ पहले नभ-थल को नमन मेरा।
गर जंग हुई लाजिम श्मशान बना दूँगा,
सरहद की हिफाजत में मैं प्राण लुटा दूँगा,
बनना है मुझे सैनिक बन करके दिखा दूँगा।
जम जाए लहू मेरा, बह जाए लहू मेरा,
रग -रग में भरा माते! है गर्म लहू तेरा।
घुसपैठ किया कोई भूगोल बदल दूँगा,
सरहद की हिफाजत में मैं प्राण लुटा दूँगा,
बनना है मुझे सैनिक बन करके दिखा दूँगा।
बारूद को ज्यों कोई केसर में बोयेगा,
चुन-चुनकर मारूँगा अर्थी बन जाएगा।
फेंके थे भगत जो बम धारा वो बहा दूँगा,
सरहद की हिफाजत में मैं प्राण लुटा दूँगा,
बनना है मुझे सैनिक बन करके दिखा दूँगा।
रामकेश एम.यादव (रायल्टी प्राप्त कवि व लेखक),
मुंबई