वसंत
वसंत

वसंत आया है

( Basant aaya hai )

सुना है, एकबार फिर से बसंत आया है,
एक बार फिर से बसन्ती बहार लाया,
खेतों में फिर से पीली सरसों महक। उठी है,
बगियां में नए फूलों का आगमन हुआ है,
एक बार फिर से फसलें लहलहा उठी है,
फिर से पेड़ों पर नए पत्तों का बसेरा हुआ है,
हवाओं में मानो प्यार की लहर चली है,
पंछियों को भी नया बसेरा मिला है,
चारों ओर पंछियों का मधुर कलरव हुआ है,
वाणी में मानो सरस्वती का वास हुआ है,
नई खुशबूओ से,नई कलियों से,
हर वन उपवन सुशोभित है,
आज प्रेमी का प्रेम से मिलन हुआ है,
बसंत अपने संग फिर से प्यार का भी नया मौसम लाया है,
सुना है, एकबार फिर से बसंत आया है।।

 

रचनाकार : योगेश किराड़ू
बीकानेर ( राजस्थान )

 

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here