बेवफ़ा

( Bewafa )

 

 

नहीं राहें वो वफ़ा से भरी बेवफ़ा है

मुहब्बत की राहें यारों सभी बेवफ़ा है

 

ग़मो की आहें निकलती यहाँ तो दिल से

हुई मेरी जिंदगी से ख़ुशी बेवफ़ा है

 

वफ़ा नहीं देगा इजहार मत करना उससे

उसकी सांसों से महक आ रही बेवफ़ा है

 

की हर शख्स एक दिन साथ छोड़ देगा बस

रहेगी साथ नहीं शाइरी बेवफ़ा है

 

जिसे दिया फूल मैंने वफ़ा भरा हर पल

उसी की निकली बड़ी दोस्ती बेवफ़ा है

 

हमेशा के  ही लिए ढ़ल गयी जीवन से  वो

रवानी भी आरजू की मिली बेवफ़ा है

 

ख़ुशी के गीत ग़ज़ल गा लो सब मिलकर के  तुम

की एक दिन छोड़ेगी जिंदगी बेवफ़ा है

 

कभी वफ़ा देगी “आज़म” नहीं तुझको देखो

किसी से दिल मत लगा आशिक़ी बेवफ़ा है

 

❣️

शायर: आज़म नैय्यर

(सहारनपुर )

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