Bhartiya tyohar par kavita
Bhartiya tyohar par kavita

पाॅंच पर्वो का अनूठा त्यौहार

( Panch parvo ka anutha tyohar ) 

 

पाॅंच दिनों तक चलनें वाला ये ऐसा महापर्व,
धनतेरस से शुरुआत भाई-दूज पर समाप्त।
सम्पूर्ण भारतवासी मनातें है इसको हर वर्ग,
मकान और दुकान में करते दीप प्रज्वलित।।

 

घरों की लिपाई पुताई व करतें साफ सफाई,
अभियान सभी यह चलातें बनातें है मिठाई।
नया कुछ घर में लाते वस्तु वस्त्र और गहना,
परदेशी भी घर गाॅंव आते करके वह कमाई।।

 

इन पाॅंच दिवसीय पर्व के भिन्न-भिन्न है नाम,
धनतेरस व रुपचौदस लक्ष्मी पधारें दिवाली।
गोवर्धन पूजा के अगले दिन प्यारा भाईदूज,
दीप जलाकर पूजा करते बनातें घर रंगोली।।

 

सुख समृद्धि धन लाभ सॅंस्कृति पर्व दिवाली,
चली आ रही प्राचीनकाल से प्रथाऍं पुरानी।
रिति-रिवाज व धार्मिक अनुष्ठान का त्यौहार,
हरदिन की अलग-अलग कथा‌ एवं कहानी।।

 

पाॅंच पर्वों का दीपावली ऐसा अनूठा त्यौहार,
दीपावली का अर्थ है वर्तमान क्षण में रहना।
भूतकाल ये भूलकर चिंता पश्चाताप छोड़ना,
आपस कलह एवं नकारात्मक बातें भूलना।।

 

रचनाकार : गणपत लाल उदय
अजमेर ( राजस्थान )

 

1 COMMENT

  1. बहुत ही सुन्दर कार्य आदरणीय सादर प्रणाम 🙏

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