Bhojpuri Vyang | प्रधानी
प्रधानी
( Pradhani )
( Pradhani )
दबी कुचली हुई कलम ( Dabi kuchli hui kalam ) दबी कुचली हुई कलम, कभी असर दिखा देगी। पीर गर बना सैलाब, सिंहासन सारा हिला देगी। कलम का काम चलना है, मशाल बनकर जलना है। दर्द दुनिया का स्याही, कागज पे शब्दों में ढलना है। आहत जो कलम हुई, कभी खड़ा तूफान हो जाता।…
शिक्षक होता युग निर्माता ( Shikshak hota yug nirmata ) शिक्षक ही होता युग निर्माता, आदर्शों का वह पाठ पढ़ाता। वो मर्यादा, संस्कार सिखाता, भविष्य की बुनियाद बनाता।। अज्ञानता से सबको उबारता, सद्गुणों का संदेश वह देता। अंधेरे से उजाला वो दिखाता, आध्यात्मिकता ज्ञान बताता।। सभी बच्चों का ध्यान रखता, बुद्धिमान व गुणवान बनाता।…
देखो योगी आया है ( Dekho yogi aya hai ) भगवा चोला भगवा साफा,भगवा ध्वज लहराया है। रूद्रों की वो माला पहन के, देखो योगी आया है। काशी मथुरा और अयोध्या को, चमकाने आया है। धर्म सनातन का परचम, जग में लहराने आया है। उठो सनातन वंशी तुम आर्यो के वंशज सजक…
पंडित श्रद्धाराम फिल्लौरी ( Shardha Ram Phillauri ) हे! संत साहित्य सरोवर के, मैं तुझ पे अभिमान करूँअर्पण करके क़लम मैं तुझको, हृदय से सम्मान करूँ॥ सहज सरल व्यक्तित्व तुम्हारा, साहित्य अद्भुत रचा न्याराबहायी प्रेम की रस-धारा, शत-शत मैं प्रणाम करूँ॥ विश्व-विख़्यात लिखी आरती, सभी के हृदय को जो ठारतीनत-मस्तक हैं सभी भारती, मैं भी…
दीवाली 2020 आई दीवाली लाई खुशियां हर कोई मतवाला है । किसी की यह भव्य दीवाली तो किसी का निकला दीवाला है । कोई तिजोरी वाला हो गया कोई टुटा कटोरे वाला है । कोरोना का रोना ही नहीं वैश्विक संकट का बोल बाला है । चाह बहोत है मन में । पर मैंने…
खामोश लब ( Khamosh lab ) जाने क्या कह जाते हैं तुम्हारे ये खामोश लब। बहा देते हैं रसधार मधुर गीतों के तराने लब। मुस्कानों के मोती प्यारे अधर सुरीले नैन तारे। खुशी के दीप जलाते हंसते हुए चेहरे तुम्हारे। होठों की रंगत भाती ठुमक ठुमक कर तुम आती। महकता आंगन सारा दिल की…