दीवाली 2020 | Short poem for diwali
दीवाली 2020
आई दीवाली लाई खुशियां
हर कोई मतवाला है ।
किसी की यह भव्य दीवाली
तो किसी का निकला दीवाला है ।
कोई तिजोरी वाला हो गया
कोई टुटा कटोरे वाला है ।
कोरोना का रोना ही नहीं
वैश्विक संकट का बोल बाला है ।
चाह बहोत है मन में ।
पर मैंने क्या कर लिया।
नौ माह की बंदी-मंदी में
सुब कुछ छीन लिया।
किसी की करोड़ो की कोठी
मुझे तो कुटिया बिहीन कर दिया।
आई दीवाली २०२०
हमें तेरह से तीन कर दिया।
कही रात में सूरज की चमक
कहीं दीपक का उजाला है।
अट्टालिकाओं में पकते पकवान
तू तो सत्तू वाला है।
लक्ष्मी गणेश पूजा हेतु
सामग्री लाना हिम्मतवाला है।
भाग्य बनाने में भाग्य बिगड़ा आरo बी o
कोई कोई ही भाग्य वाला है।
लेखक: राम बरन सिंह ‘रवि’ (प्रधानाचार्य)
राजकीय इंटर कालेज सुरवां माण्डा
प्रयागराज (उत्तर प्रदेश )
यह भी पढ़ें :