भूल जा यादें उसी की | Ghazal
भूल जा यादें उसी की
( Bhool ja yaadein usi ki )
भूल जा यादें उसी की आंख भर आंसू नहीं
बेवफ़ा को याद मत कर और दिल से तू नहीं
तू ही आए हर तरफ़ मुझको नज़र हर चेहरे में
कर निगाहों से सनम मुझपे ऐसे जादू नहीं
कह रहा है दिल उसे अपना बना लूँ हम सफ़र
देखकर मुखड़ा हंसी वो दिल रहा काबू नहीं
भीड़ में खोया कहीं ऐसा वही चेहरा मुझसे
रोज़ देखा हर गली में वो मिला हर सू नहीं
किस तरह होती मुहब्बत की बातें उससे मगर
दूर से देखे बैठा मेरे कभी पहलू नहीं
नफ़रतों की बू आती है चल यहां से और कहीं
की यहां आती सांसों से प्यार की ख़ुशबू नहीं
देखकर “आज़म” जिसे ही भूल जाए ग़म दिल से
ऐसी कोई भी तो राहों में शगुफ़्ता रु नहीं