बेटी को न परेशान करो 
बेटी को न परेशान करो 

बेटी को न परेशान करो 

( Beti ko na pareshan karo )

 

 

बेटी को न परेशान करो

हर नारी का सम्मान करो

 

पढ़ने दो है जान वतन की

शिक्षा से न उसको वीरान करो

 

दादी है नानी है मां है

हां नारी का सम्मान करो

 

उल्फ़त से सीचो धरती मां

नफ़रत न यहां तूफान करो

 

नारी की इज्जत ख़तरे में

ए रब  राहें आसान करो

 

दो इज्जत उल्फ़त से देखो

बेटी मां को गुलदान करो

 

यार बहन हो नानी हो मां

आज़म सबका सम्मान करो

 

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शायर: आज़म नैय्यर

(सहारनपुर )

 

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