Cancer Jagrukta par Kavita
Cancer Jagrukta par Kavita

जागरूकता ही कैंसर बचाव

( Jagrukta hi cancer bachao ) 

 

पूरे विश्व में बढ़ रही है आज तिव्रता से यह बिमारी,
इम्यून सिस्टम कम कर देती कोशिकाओं में सारी।
बन जाती फिर कैंसर जैसी वही लाइलाज़ बिमारी,
इसलिए वक़्त से उपचार ले लेवें नर चाहें हो नारी।।

रोग प्रतिरोधक क्षमता बनाके रखें जो है हितकारी,
लापरवाही नही कोई बरतें पड़ सकता है वो भारी।
अनगिनत कोशिकाएं इसी शरीर में होती है हमारी,
खान पान का ध्यान रखें सब समझें ये ज़िम्मेदारी।।

२०० से भी ज़्यादा तरह का होता कैंसर ये बिमारी,
इसलिए लक्षण समझ नही आतें जल्दी से हमारी।
जैसे ब्लड कैंसर फेफड़ों का कैंसर और ब्रेन कैंसर,
स्तन कैंसर स्कीन कैंसर की रखो सभी जानकारी।।

ऐसे कई लक्षण है कैंसर के गांठ बनना यह हमारी,
स्त्रियों के स्तन मे गांठ बनना भी है कैंसर बिमारी।
श्वास लेने में परेशानी चाहें बलगम का हो दिक्कत,
भूख न लगना बेहिसाब दर्द जोड़ों में रहना हमारी।।

न गुटका नही खाना तम्बाकू न बीड़ी और सिगरेट,
इस कैंसर के प्रति जागरुक होकर रहें सब निरोग।
है जागरूकता ही कैंसर का बचाव न बढ़ने दे फेट,
कम खाकर रोज़ व्यायाम करना और करना योग।।

 

रचनाकार : गणपत लाल उदय
अजमेर ( राजस्थान )

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