मुझे बच्चा ही रहने दो

मुझे बच्चा ही रहने दो

मुझे बच्चा ही रहने दो क्या कोई मेरा दर्द जानेगामेरी पीड़ा को पहचानेगासबसे पहले तो आप सब को नमस्तेतीन साल की उमर से टंगे भारी बस्तेपापा और मम्मी के सपनो के वास्तेरोज परीक्षा और परिणाम की टेंशनपड़ोसी बच्चो के आगे निकल जाना होता मेंशनस्कूल और परिवार का फर्स्ट आने का दबाबकौन देगा मेरे बचपन का…

बच्चे

बच्चे | Bache

बच्चे ( Bache ) नन्हें-मुन्ने प्यारे-प्यारे, होते सबके दुलारे,बच्चे ही हमारे घर, आँगन की शान हैं। भाषा वो दुलारी लगे, सबको है प्यारी लगे,बोलती जो तुतलाती, बच्चों की जुबान है। है आज का दिवस जो, कहाता बाल दिन है,चौदह है नवंबर, आज बाल गान है। कोई धैर्यवान होता, कोई वीरवान होता,सीधा सादा होता कोई, बहुत…

बचपन का प्यार

बचपन का प्यार

बचपन का प्यार जब मैं 8 साल का था तब मुझे पहली बार प्यार हुआ।उसने मुझको मैंने उसको देखा आँखों से इकरार हुआ। बचपन में तब मैं कितना भोला कितना नादां था,इसे प्यार कहते हैं यह भी नहीं समझता था। मैं अपनी चॉकलेट उसको खाने को देता,उसकी झूठी पेस्ट्री भी बड़े शौक से लेता। उसकी…

क्या खूब दिन थे

क्या खूब दिन थे!

क्या खूब दिन थे! बड़ा मजा आता था बचपन में,खलिहान हमारा घर हो जाता,सुबह से लेकर रात तक,मस्ती ही मस्ती सुहाती! धान की सटकाई,पोरे की बँधाई,आटा सारे बँध जाने पर,पुआल का गाझा बनता! शाम पहर धान के गट्ठर पर,गोबर का पिण्ड रखा जाता,सांझ के दीपक से,मॉ अन्नपूर्णा को पूजा जाता! खलिहानों में दोपहर में,महिला मजदूरों…

बच्चे देश का भविष्य

बच्चे देश का भविष्य

बच्चे देश का भविष्य हे बच्चे मन के सच्चे सारी जग की आंखों के तारे बच्चे आने वाले कल का सुंदर भविष्य है बच्चे ही नव भारत का निर्माण करेंगे बच्चों को ना मंदिर मस्जिद में उलझाऐगे धर्मनिरपेक्षता का ज्ञान कराओ मिलजुलकर त्यौहार मनाए शिक्षा को आधार बनाकर नवनिर्माण कराएं यही तो अंबेडकर, गांधी ,अब्दुल…

मेरा गांव

मेरा गांव | Mera Gaon

मेरा गांव ( Mera Gaon ) सबका दुलारा मेरा गांव ।सबका प्यारा मेरा गांव ।थका हारा जब भी आऊं ।मुझको सहारा देता गांव । कितने ही देखे इसने बसंत ।ना था जिनका कोई अंत ।सबकी पीड़ा छुपाए सीने में ।सब पे प्यार लुटाता मेरा गांव । पीपल बरगद पहचान है इसकी ।कुआं बावड़ी सब जान…

शालिग्राम तुलसी कहलाई हूॅ

शालिग्राम तुलसी कहलाई हूॅ

शालिग्राम तुलसी कहलाई हूॅ विष्णु की अनुयायी हूँ,मैं वृन्दा तुलसी माई हूँ।टेक वरों की माता हूँ,भाग्य विधाता हूँ।सुख की दाता हूँ,मैं रज रक्षक सबकी,भाग्य भव दाता हूँ ।हर भवन में आई हूँ,विष्णु की अनुयायी हूँमैं वृन्दा तुलसी माई हूँ।।1। दैत्य कुल में जन्मी,हरि कीर्तन की धुनी,त्रिभुवन बंदन में रमी,पतितों की हूँ तारिणी।सत्य सतीत्व को पहनीलक्ष्मी…

डॉ. बीना सिंह “रागी” की कविताएं | Dr. Beena  Singh Raggi Poetry

डॉ. बीना सिंह “रागी” की कविताएं | Dr. Beena  Singh Raggi Poetry

गंगा ( मनहर घनाछरी छंद ) गंगा मैया ने है ठानाहमें धरा पे है आनाभागीरथ माध्यम हैजय गंगा माई कीहर्षित मुदित होकेशिवजी ने जटा खोलेकल कल धरा परआई गंगा माई जीपावन साफ पाक हैबुझे सबकी प्यास हैजीवन में सदा कामआती गंगा माई जीदेवभूमि है हमारीगंगा माई महतारीवेद ग्रंथों ने आरतीगाई गंगा माई की चलते चलते…

श्रीमती उमेश नाग की कविताएं

श्रीमती उमेश नाग की कविताएं

दिल हमें तुम से प्यार कितना यहतुम नही जानते,दिल सम्हालते सम्हलता नहीयह तुम जानते नही।यादें तुम्हारी हरदम सताती हैं,भूलना भी चाहें पर भूल नही पाते।वो चांदनी रातें,वो समंदर का किनारा-तुम्हारे हाथों में हाथ हमारा।वह इश्किया साथ हम –भूला नही पाते।सपनों में तुम्हारा आना जाना,हमें खुश कर जाना हमभूला नही पाते।हमें तुम से प्यार कितनायह तुम…

वृक्ष

वृक्ष हमारे तुम संरक्षक हो

वृक्ष हमारे तुम संरक्षक हो वृक्ष हमारे तुम संरक्षक होहरे भरे हो खड़े हो सीना ताने।भव्य शस्यश्यामल है रूप तिसारा,लगते कोई हमारे शुभ चिंतक हो।घने घने हरे भरे पत्तों से सुशोभित,थलचर -नभचर को आश्रय देते-हो।शीतल छांव तुम्हारी देती आश्रय,हर प्राणी हर चर अचर को।सकल ब्रम्हांड में हो जय जयकार तुम्हारी,वृक्ष तुम मित्र हो, है तुम्हारी…